Wednesday, November 29

सोफिस्टिकेटेड कैफ़े

वो चाय के जाने पहचाने अड्डे,
जहां खुशनुमा बातें थी-
आधी रातों का सफर-
भीगे मौसम की राहत-
प्रेमियों की मुलाकातें थी.

अब उन गलियों में सोफिस्टिकेटेड कैफ़े है.
जहां चुस्कियों के बजाये सिप्स है-
गुफ्तगू क बजाये कन्वर्सेशन है-
छुपने छुपाने के बजाए डेट्स है-
महंगे कप्स में सस्ते मज़े है.

वक़्त के साथ छोटी खुशियां गयी,
चाय के अड्डों से कैफ़े कप्स में बस चली
नुक्कड़ से खुशियां निकली -
फैशन स्टेटमेंट की गली.

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